Breaking News
आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामला – दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सुनाई सजा 
आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामला – दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सुनाई सजा 
करणवीर मेहरा बने बिग बॉस 18 के विजेता, पुरस्कार राशि के रूप में जीते 50 लाख रुपये
करणवीर मेहरा बने बिग बॉस 18 के विजेता, पुरस्कार राशि के रूप में जीते 50 लाख रुपये
सभी जिलों में बीपीएल मरीजों व गोल्डन कार्ड धारकों को निशुल्क डायलिसिस सुविधा – मुख्य सचिव
सभी जिलों में बीपीएल मरीजों व गोल्डन कार्ड धारकों को निशुल्क डायलिसिस सुविधा – मुख्य सचिव
राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए शासन ने अधिकारियों को दी जिम्मेदारी
राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए शासन ने अधिकारियों को दी जिम्मेदारी
यूसीसी को कैबिनेट में पास किया अब शीघ्र होगा लागू- सीएम धामी
यूसीसी को कैबिनेट में पास किया अब शीघ्र होगा लागू- सीएम धामी
अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में आज शपथ लेंगे डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में आज शपथ लेंगे डोनाल्ड ट्रंप
क्या आप रोज रात को अपनी नींद पूरी कर पा रहे हैं? अगर नहीं, तो हो जाएँ सावधान, इन बीमारियों का बढ़ सकता है खतरा 
क्या आप रोज रात को अपनी नींद पूरी कर पा रहे हैं? अगर नहीं, तो हो जाएँ सावधान, इन बीमारियों का बढ़ सकता है खतरा 
महाकुंभ में लगी आग, 280 कॉटेज जलकर राख, मची अफरातफरी 
महाकुंभ में लगी आग, 280 कॉटेज जलकर राख, मची अफरातफरी 
28 जनवरी को पीएम मोदी उत्तराखंड के पहले खेल विश्वविद्यालय का करेंगे शिलान्यास 
28 जनवरी को पीएम मोदी उत्तराखंड के पहले खेल विश्वविद्यालय का करेंगे शिलान्यास 

गरीब और पिछड़े वर्गों के हितों का ध्यान रखें

गरीब और पिछड़े वर्गों के हितों का ध्यान रखें

कार्यस्थल पर कोई भी निर्णय लेते समय देश के गरीब और पिछड़े वर्गों के हितों का ध्यान रखें। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय आर्थिक सेवा (आईईएस) के अधिकारियों के समूह से मुलाकात के दौरान कहा। आर्थिक संकेतक प्रगति के उपयोगी मापदंड माने जाते हैं, इसलिए सरकारी नीतियों को प्रभावी और उपयोगी बनाने में अर्थशास्त्रियों की भूमिका को उन्होंने बहुत उपयोगी बताया।

राष्ट्रपति ने अधिकारियों से कहा, भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है, ऐसे में उन्हें आने वाले समय में अपनी क्षमताओं को पूरी तरह विकसित कर उनका उपयोग करने के असंख्य अवसर मिलेंगे। कार्यस्थल पर नीतिगत सुझाव देते समय या निर्णय लेते हुए देश के गरीब और पिछड़े वर्गों के हितों का ध्यान रखें। आर्थिक विश्लेषण और विकास कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने के साथ ही संसाधन वितरण प्रणाली और योजनाओं के मूल्यांकन के लिए उचित सलाह प्रदान करने की बात भी उन्होंने की।

2022-2023 के बैच के आईईएस अधिकारियों में 60त्न महिलाओं के होने की बात की और इससे महिलाओं के सर्वागीण विकास के लिए काम करने का आग्रह भी किया। ऐसे दौर में जब आर्थिक विसंगतियां बढ़ती जा रही हैं, राष्ट्रपति द्वारा अधिकारियों को यह सलाह देना देशवासियों के प्रति उनके मानवतावादी रवैये का द्योतक है। गरीबों और जरूरतमंदों के लिए बनाई गई सरकारी नीतियां जब तक प्रभावी नहीं होंगी, तब तक उनका लाभ लक्षित वर्ग तक पहुंचना मुश्किल है।

देखने में आता है कि सरकारें योजनाएं बना कर उन्हें बिसरा देती हैं। उच्चाधिकारियों के हाथ में है कि वे इनका क्रियान्वयन सुबीते से करें। नि:संदेह इस तरह की नौकरियों में देश के हर वर्ग और हर प्रांत के अधिकारियों का चयन होता है, इसलिए उन्हें बुनियादी समस्याओं और संकटों का भान होता है। स्वयं राष्ट्रपति ऐसे समुदाय और वर्ग से निकल कर सबसे बड़े पद तक पहुंची हैं कि उन्हें देशवासियों की समस्याओं का न केवल अहसास है, बल्कि गरीबों और  महिलाओं के समक्ष आने वाली चुनौतियों को भी उन्होंने करीब से देखा है। किसी भी समाज की प्रगति तभी नजर आती है, जब उसका सर्वागीण विकास हो रहा हो। कहना न होगा कि आर्थिक असंतुलन ने हमारे संकटों को बढ़ाया है। यह चुनौती है, जिससे निपटना बेहद जरूरी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top