Breaking News
डबल इंजन सरकार करेगी जम्मू कश्मीर का कायाकल्प- महाराज
जूनियर एनटीआर की देवरा पार्ट 1 पर सेंसर बोर्ड ने चलाई कैंची, 4 सीन हटाकर दिया यू/ए सर्टिफिकेट?
मुख्यमंत्री धामी ने ‘अखिल भारतीया गोष्ठी’ के शुभारंभ सत्र में किया प्रतिभाग
जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती, सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा – मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
भोले-भाले यात्रियों को लिफ्ट देकर ठगी करने वाले तीन शातिर को पुलिस ने किया गिरफ्तार 
क्या आप भी करते है बे वक्त डिनर, तो यहां जानें डिनर करने का सही टाइम
प्रधानमंत्री मोदी ने वर्चुअली नई वंदे भारत ट्रेनों को दिखाई हरी झंडी
हेली कंपनियों के आठ हेलिकॉप्टर आज केदारनाथ के लिए भरेंगे उड़ान, यात्रा को मिलेगी रफ्तार
पाकिस्तान से 81 जायरीनों का एक जत्था पहुंचा भारत

हरिद्वार के सीजेएम कोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को दोबारा जारी किया समन 

शुक्रवार को अदालत में हाजिर नहीं होने पर दोबारा जारी किया गया है समन 

आगामी सुनवायी नौ जून 2024 को होगी 

हरिद्वार। भ्रामक विज्ञापन को लेकर दायर वाद में शुक्रवार को अदालत में हाजिर नहीं होने पर हरिद्वार के सीजेएम कोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को दोबारा समन जारी किया है। आगामी सुनवायी को नौ जून 2024 की तिथि निर्धारित की गयी है। दवाओं के भ्रामक विज्ञापनों पर कार्रवाई नहीं करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद उत्तराखंड के आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग ने पिछले दिनों बाबा रामदेव की फार्मेसी की 14 औषधियों के लाइसेंस निलंबित करते हुए निर्माण पर रोक लगाई थी।

साथ ही जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी ने भ्रामक विज्ञापनों को लेकर दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के विरुद्ध मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट राहुल कुमार श्रीवास्तव के न्यायालय में वाद भी दायर किया था। न्यायालय ने प्रारंभिक सुनवाई करने के बाद बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को 10 मई को न्यायालय में तलब किया था। जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी न्यायालय में उपस्थित हुए। लेकिन, योगगुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के न्यायालय में हाजिर न होने पर कोर्ट ने आगामी सुनवायी को नौ जून तिथि निर्धारित की है।

सहायक अभियोजन अधिकारी देवमणि पांडे ने बताया कि विपक्षीगण बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण आदि को न्यायालय में हाजिर होने के लिए परिवाद पत्र की प्रतिलिपि के साथ दोबारा समन जारी किए गए हैं। दरअसल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने भी इस मामले को लेकर याचिका दायर की हुई है।

जिस पर सुप्रीम कोर्ट सुनवायी कर रहा है। आइएमए का तर्क है कि पतंजलि ने आयुर्वेदिक दवाओं से कुछ बीमारियों के इलाज का भ्रामक दावा किया है। यह दावे ड्रग्स एंड अदर मैजिक रेमिडीज एक्ट 1954 और कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 का सीधा उल्लंघन है। कोर्ट ने इस मामले में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा था।

वहीं, राज्य औषधि अनुज्ञापन अधिकारी को भी कड़ी फटकार लगायी थी। कोर्ट के सख्त रुख के बाद अब राज्य का आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग भी हरकत में है। बाबा रामदेव की फार्मेसी की बीपी, मधुमेह, घेंघा, ग्लूकोमा, उच्च कोलेस्ट्राल आदि की 14 दवाओं के निर्माण पर रोक लगाने के साथ ही हरिद्वार सीजेएम कोर्ट में भ्रामक विज्ञापनों को लेकर जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी की ओर से वाद भी दायर कराया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top